Wednesday, December 30, 2009


दिल के चमनमे बहार बनके वो आई
फुलो सी अंगडाई ले खुशी पास आई
छुकर मेरे दिल को दिया ऐसा एह्सास
लब्जोमे बयान ना हो सके वो दास्तान

दिल ने किया स्वागत अचरज से
रोम रोम मेहक उठा उस्की खुश्बू से
फेल गई होठोपे वोह बन के हसी
आंसु बनके आन्खो से वोह बरसी

आन्खोकी नमी वैसे तो गवारा नही मुझे
पर आज वो पसन्द थी बहेज से परे
नही आई थे वोह आंसु आज रुलाने
दीखाई दी थी खुशी की झलक उस्मे

चुपके से संभाले वोह खुशीके मोती
इस खज़ाने की कीमत ना कर सके कोई
कज्ररे कि धारने देख ली मेरी होशीयारी
मुकस्कुरा कर दी उसने मुझे बधाई

चादनी पूनमकी रेह्ती है एक दिन
दिये कि रोशनी मीटती पल गिन
मैने लिपटा खुशीके किरन को ऐसे
लुप्त होके भी चमकेगी याद का सितारा बनके

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