Monday, July 5, 2010

Duaa na kare........


वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे

मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे




रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर

ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे




ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में

ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे




सुना है उसको मोहब्बत दुआयें देती है

जो दिल पे चोट तो खाये मगर गिला न करे




ज़माना देख चुका है परख चुका है उसे

"क़तील" जान से जाये पर इल्तजा न करे

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