Monday, July 27, 2009

Jab Kbhi Gujra Zamana Yaad AaTA Hai........


जब कभी गुजरा जमाना याद आता है,
बना मिटटी का अपना घर पुराना याद आता है।
वो पापा से चवन्नी रोज मिलती जेब खरचे को,
वो अम्मा से मिला एक आध-आना याद आता है।


वो घर के सामने की अधखुली खिङकी अभी भी है,
वहाँ पर छिप कर किसी का मुस्कुराना याद आता है।

वो उसका रोज मिलना,न मिलना फिर कभी कहना
जरा सी बात पर हँसना हँसाना याद आता
याद आये तो आखे बन्द न करना. हम चले भी जाये तो गम न करना.
यह जरुरी नही की हर रिश्ते का कोई नाम हो.
पर दोस्ती का एहसास कभी दिल से जुदा न करना........

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